Breaking News
उत्तराखण्ड नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जल्द जारी होगी
मुख्यमंत्री धामी ने सौंग बांध परियोजना पर विस्थापन की कार्यवाही जल्द करने के दिए निर्देश
कल से शुरू होगा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट, जाने मैच से जुडी बातें
कांतारा: चैप्टर 1 की रिलीज डेट आउट, 2 अक्टूबर 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी फिल्म
दूनवासियों के लिए खतरा बनी हवा, चिंताजनक आंकड़े निकलकर आए सामने
ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन- अंडरगारमेंट्स में घूमते हुए युवती को किया गया रिहा
क्रेश बैरियरों की खराब स्थिति को लेकर महाराज ने रोष जाहिर किया
दूरस्थ क्षेत्र पैठाणी में होगा उच्च शिक्षा को लेकर महामंथन
सर्दियों में टूटने लगे हैं बाल तो इस चीज से करें मालिश, नहीं होगा नुकसान

प्रदेश में कौशल विकास और प्रशिक्षण गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा

दून, पंजाब विवि और आईएसटीडी के बीच एमओयू

देहरादून। दून विश्वविद्यालय ने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ और आईएसटीडी, नई दिल्ली के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
कुलपति प्रो. (श्रीमती) सुरेखा डंगवाल की उपस्थिति में आज दून विश्वविद्यालय में दो महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये।
पहले एमओयू पर रजिस्ट्रार डॉ. एम.एस.मंद्रवाल ने सुश्री अनीता चौहान, राष्ट्रीय अध्यक्ष इंडियन सोसाइटी फॉर ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट (आईएसटीडी), नई दिल्ली के साथ और दूसरे पर रजिस्ट्रार, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ के साथ हस्ताक्षर किए। आईएसटीडी देश की एक प्रमुख प्रशिक्षण संस्था है, जिसकी स्थापना अप्रैल 1970 में पूरे देश में प्रशिक्षण और विकास को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की गैर-लाभकारी सोसायटी के रूप में की गई थी।

आज ISTD के देश में 54 से अधिक चैप्टर और 12 हजार से अधिक पेशेवर सदस्य हैं। पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ भारत के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है। पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) की शुरुआत 1882 में लाहौर में हुई थी, जिसमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी, मानविकी, सामाजिक विज्ञान, प्रदर्शन कला और खेल में शिक्षण और अनुसंधान में उत्कृष्टता हासिल करने की एक लंबी परंपरा है। यह समझौता ज्ञापन राज्य भर में कौशल विकास और प्रशिक्षण गतिविधियों को बढ़ावा देने में नए द्वार खोलेगा। कुलपति प्रो. (श्रीमती) सुरेखा डंगवाल ने कहा कि कौशल विकास में अपेक्षित प्रमाणीकरण नौकरी बाजार में एक नितांत आवश्यकता है और आईएसटीडी एनईपी 2020 के अनुरूप इसे पूरा कर सकेगा दूसरा समझौता ज्ञापन डीएसटी-सीपीआर, पंजाब विश्वविद्यालय के साथ था जिसका मुख्य उद्देश्य सहयोग बढ़ाना था।

नीति निर्माण के क्षेत्र में और हिमालयी राज्यों में अध्ययन और परियोजनाओं को चलाने के लिए पंजाब विश्वविद्यालय ऐसी गतिविधियों का केंद्र होगा, इससे हिमालयी अध्ययन में अनुसंधान में लंबे समय से महसूस की जा रही कमी को पूरा किया जा सकेगा। प्रोफेसर कश्मीर सिंह ने उपरोक्त समारोह में पंजाब विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया, डॉ. ए.सी. जोशी, चेयर प्रोफेसर, सीपीपी, दून विश्वविद्यालय ने कार्यक्रम का समन्वय किया।

प्रो. आर.पी. ममगाईं, प्रो. एच.सी. पुरोहित, राजेंद्र सिंह, ईडी, यूजेवीएन, अनूप कुमार, जीएम, ब्रिडकुल, कर्नल डी.पी. डिमरी, श्रीमती निधि जोशी, अजय बिष्ट उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top