Breaking News
उत्तराखण्ड नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जल्द जारी होगी
मुख्यमंत्री धामी ने सौंग बांध परियोजना पर विस्थापन की कार्यवाही जल्द करने के दिए निर्देश
कल से शुरू होगा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट, जाने मैच से जुडी बातें
कांतारा: चैप्टर 1 की रिलीज डेट आउट, 2 अक्टूबर 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी फिल्म
दूनवासियों के लिए खतरा बनी हवा, चिंताजनक आंकड़े निकलकर आए सामने
ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन- अंडरगारमेंट्स में घूमते हुए युवती को किया गया रिहा
क्रेश बैरियरों की खराब स्थिति को लेकर महाराज ने रोष जाहिर किया
दूरस्थ क्षेत्र पैठाणी में होगा उच्च शिक्षा को लेकर महामंथन
सर्दियों में टूटने लगे हैं बाल तो इस चीज से करें मालिश, नहीं होगा नुकसान

लोस चुनाव- उत्तराखंड का मतदाता 19 अप्रैल को चुनेगा अपने पांच सांसद

उत्तराखंड में 19 अप्रैल को डाले जाएंगे वोट,मतगणना 4 जून को

भाजपा को इस बार भी मोदी का सहारा

कांग्रेस जनमुद्दों के अलावा भाजपा सांसदों के खिलाफ जनता की नाराजगी को भुनायेगी

नई दिल्ली/देहरादून। उत्तराखंड के मतदाता 19 अप्रैल को अपने पांच सांसदों का चुनाव करेंगे। केंद्रीय निर्वाचन आयोग के मुताबिक उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीट के लिए 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। 20 मार्च को अधिसूचना जारी होगी। 30 मार्च को नाम वापसी की आखिरी तारीख होगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने दिल्ली में मीडिया को लोकसभा व विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की जानकारी दी। सात चरण में चुनाव होंगे और 4 जून को मतगणना होगी।

उत्तराखंड में 19 अप्रैल को पहले चरण में मत डाले जाएंगे।

इधर, भाजपा ने उत्तराखंड की पौड़ी, टिहरी,हरिद्वार, नैनीताल व अल्मोड़ा संसदीय सीट पर पांचों उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। जबकि कांग्रेस ने हरिद्वार व नैनीताल को छोड़ शेष तीन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम फाइनल कर दिये हैं। चुनाव के शुरुआती चरण में मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच देखा जा रहा है। 2019 में पांचों लोकसभा सीट भाजपा कर खाते में गयी थी।

इस बार भाजपा ने दो पूर्व सीएम निशंक व तीरथ की जगह पूर्व सीएम त्रिवेंद्र और अनिल बलूनी को हरिद्वार व पौड़ी लोकसभा सीट से टिकट दिया है। अनिल बलूनी पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पूर्व, 2005 के कोटद्वार उपचुनाव में अनिल बलूनी चुनाव हार गए थे।

भाजपा हाईकमान ने बाकी तीन संसदीय क्षेत्र टिहरी, नैनीताल व अल्मोड़ा में मौजूदा सांसदों को ही चुनावी अखाड़े में उतारा है।

उत्तराखंड के भाजपा उम्मीदवारों को इस बार भी मोदी नाम का ही मुख्य सहारा है। तीन सिटिंग सांसदों अजय भट्ट, माला राज्य लक्ष्मी व अजय टम्टा को क्षेत्रीय मतदाताओं की नाराजगी से भी रूबरू होना पड़ सकता है। इसके अलावा पौड़ी व हरिद्वार में पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत व निशंक समर्थकों की मायूसी भी पार्टी प्रत्याशियों की सेहत पर असर डाल सकती है।

अभी तक की सूची के मुताबिक कांग्रेस से गणेश गोदियाल, जोतसिंह गुनसोला व भाजपा से त्रिवेंद्र रावत व अनिल बलूनी पहली बार लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं।

दूसरी ओर, कांग्रेस पार्टी से शैलेन्द्र रावत, विजयपाल सजवाण,मालचंद, मनीष खंडूडी,अशोक वर्मा समेत कई नेता व कार्यकर्ता भाजपा का दामन थाम चुके हैं। इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी बेरोजगारी,महंगाई, अंकिता भण्डारी हत्याकांड, अग्निवीर, जोशीमठ आपदा, भर्ती घोटाले, सांसदों के खिलाफ नाराजगी समेत अन्य मुद्दों को लेकर कड़ी टक्कर देने के मूड में दिख रही है।

भाजपा प्रत्याशी मोदी व धामी सरकार की उपलब्धियों को कैश करेंगे। जबकि पहाड़ के हक हुक़ूक़ से जुड़े भू कानून,मूल निवास, गैरसैंण,भ्र्ष्टाचार, लोकायुक्त समेत कई अन्य क्षेत्रीय मुद्दे भी इस चुनाव में अपना असर दिखाएँगे।

चुनाव की घोषणा के बाद अब उम्मीदवार अपने अपने मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे। इंडिया गठबन्धन के तहत कांग्रेस को सपा व वामपंथी दलों का साथ मिलना तय माना जा रहा है।

बसपा व क्षेत्रीय दल उक्रांद अकेले ही चुनावी अखाड़े में उतरेगा। विपक्ष का यह वोट विभाजन भाजपा के लिए आक्सीजन का काम करेगा।

चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। 2014 से मोदी के नाम पर भाजपा को चुनाव जिता रहे (2017 व 2022 विधानसभा, 2019 लोकसभा) उत्तराखंड का मतदाता क्या तीसरी बार भी कमल को पसंद करेगा या फिर कांग्रेस को । रोचक चुनावी जंग के इस सवाल का सांकेतिक जवाब अगले कुछ दिन में मिल जाएगा।

उत्तराखंड में कुल मतदाता

कुल मतदाता- 83,21,392

वरिष्ठ नागरिक मतदाता- 65178

युवा मतदाता- 145246

विकलांग मतदाता- 79965

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top