Breaking News
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार 2024 प्रदान किए
शिक्षा विभाग में तैनात होंगे 599 और अतिथि शिक्षक
ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिकता पर ऋण दें सार्वजनिक सेक्टर के बैंक
उत्तराखण्ड में निराश्रित गौवंशीय पशुओं को गोद लेने वालों को दिया जाता है सर्वाधिक मानदेय
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने जनता दरबार के दौरान सुनी फरियादियों की समस्याएं
आईएमए में पासिंग आउट परेड 14 दिसंबर को होगी आयोजित
दिव्यांगजन दिवस- फर्जी चिकित्सा प्रमाण-पत्रों पर नौकरी करने वालों की जांच की मांग
मलाइका अरोड़ा ने बिखेरा हुस्न का जलवा, खुली जुल्फों में देखें स्टाइलिश फोटोज
राष्ट्रीय खेलों की तिथि फाइनल, 28 जनवरी 2025 से देवभूमि उत्तराखंड करेगा नेशनल गेम्स की मेजबानी

बिना किसी लक्षण के हो सकता है साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक, जानिए इसके लक्षण और कारण

कुछ सालों से साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ रहा है, जो कई मायनों में साधारण ब्रेन स्ट्रोक से अलग होता है।यह बीमारी दिमाग की नसों से खून बहने या खून जमने के कारण होती है।इसे साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। इस बीमारी से ब्रेन डैमेज हो सकता है और पीडि़त की मौत भी हो सकती है।आइए साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक के विषय में संपूर्ण जानकारी जानते हैं।

क्यों होता है साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक?
साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक तब होता है, जब दिमाग के किसी हिस्से में रक्त का प्रवाह अस्थायी रूप से बाधित हो जाता है। इसके कारण मस्तिष्क के ऊतक मर जाते हैं। यह बीमारी खून के जमने, रक्त वाहिकाओं के सिकुडऩे या एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण हो सकती है।साइलेंट स्ट्रोक दिमाग के उस हिस्से को प्रभावित करता है, जो शरीर में हिलने-डुलने और बोलने जैसे कामों पर नियंत्रण करता है।

इन लोगों को रहता है साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक का सबसे अधिक खतरा बुजुर्ग लोगों को होता है। इसके अलावा उच्च रक्तचाप से प्रभावित लोगों को भी साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है।मधुमेह, हृदय रोग या पहले से स्ट्रोक से पीडि़त लोगों को यह बीमारी जल्दी प्रभावित कर सकती है। साथ ही, अस्वस्थ लाइफस्टाइल और शारीरिक गतिविधि की कमी से भी साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है।भारत के सभी ब्रांड के नमक और चीनी में प्लास्टिक के कण मौजूद होते हैं।

साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक के मुश्किल से नजर आने वाले लक्षण
साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं नजर आते हैं। हालांकि, इसके दौरान रोगियों को अक्सर हल्की स्मृति की हानि होने लगती है।इसके अलावा, इस बीमारी के कारण संज्ञानात्मक क्षमता में बदलाव और मूड बदलना जैसे लक्षण भी हो सकता हैं। साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक से शरीर का संतुलन भी बिगड़ सकता है। इसके दौरान, आम स्ट्रोक की तरह चेहरे या शरीर में सुन्नपन या गतिशीलता की कमी नहीं महसूस होती है।

इस बीमारी से बचाव के सुझाव
साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक से अपना बचाव करने के लिए आपको रोजाना कुछ घंटे एक्सरसाइज करनी चाहिए। ऐसा करने से यह बीमारी होने की संभावना 40 प्रतिशत तक कम हो जाती है।इसके अलावा, इस बीमारी से लडऩे और इसकी रोकथाम के लिए वजन घटाना भी बेहद जरूरी होता है।इसके साथ ही बचाव के लिए अपनी डाइट में पौष्टिक भोजन को शामिल करें और अपनी लाइफस्टाइल को भी स्वस्थ रखें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top