देहरादून। केदारनाथ पैदल मार्ग पर एक बार फिर से घोड़े खच्चरों की रौनक बढ़ने लगी है। तीसरे दिन ट्रायल के रूप सें एक हजार से अधिक घोड़े खच्चर केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुए, जबकि एक हजार से अधिक पालकी व डंडी कंडी भी केदारनाथ धाम यात्रियों को लेकर गए। केदारनाथ यात्रा में लगे घोड़े खच्चरों में इन्फ्लूंएंजा बीमारी होने के बाद प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिसके बाद गत शुक्रवार से घोड़े खच्चरों की आवाजाही ट्रालय के रूप में शुरू की गई थी, पहले दिन 46 घोड़े खच्चर गए, जबकि दूसरे दिन 311 घोड़े खच्चर ट्रालय के रूप में भेजे गए, और तीसरे दिन एक हजार से अधिक घोड़े खच्चर गौरीकुंड से केदारनाथ धाम यात्रियों को लेकर गए।
घोड़े- खच्चरों के स्वास्थ में अब सुधार
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आशीष रावत ने बताया कि इक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस के चलते श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर संचालित हो रहे घोड़े- खच्चरों के स्वास्थ में अब सुधार आने लगा है। ट्रायल एवं स्वास्थ जांच के बाद जबकि रविवार को करीब 1000 स्वस्थ घोड़े- खच्चरों को यात्रा मार्ग पर भेजा गया। हालांकि घोड़े- खच्चर मालिकों को हिदायद दी गई है कि बीमारी का कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत जांच के लिए घोड़ों को डॉक्टर के पास लाएंगे। उधर डंडी- कंडी संचालक भी मुस्तैदी से अपना कार्य कर रहे हैं।
वहीं अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत रुद्रप्रयाग संजय कुमार ने बताया कि प्रतिदिन 1000 से 1200 श्रद्धालु डंडी- कंडी से धाम पहुंच रहे हैं, जबकि लगभग 1000 डंडी- कंडी एवं पिट्ठू संचालक खाद्य एवं अन्य सामग्री की आपूर्ति में जुटे हुए हैं। इस कठिन समय में जिला पंचायत की निगरानी में डंडी -कंडी संचालक यात्रा प्रबंधन में अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं और सभी का यही कहना है कि यात्रा संचालन में कोई कमी नहीं आने देंगें।
सोशल मीडिया पर फैला रहे अफवाह
तीर्थपुरोहितों का कहना है कि श्री केदारनाथ धाम यात्रा सुचारू रूप से चल रही हैं एवं सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं। लेकिन कुछ लोग सस्ती लोकप्रियता के लिए सोशल मीडिया पर अफवाह फैला कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। धाम के तीर्थ पुरोहितों ने इसपर आक्रोश जताते हुए कड़ा विरोध दर्ज किया है। उन्होंने धाम एवं यात्रा के बारे में फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान न देते हुए बाबा केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं का स्वागत किया है।वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित उमेश पोश्ती ने मीडिया के साथ अपने विचार साझा करते हुए कहा कि श्री केदारनाथ धाम में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं 30 हजार यात्री प्रतिदिन आराम से यहां रह सकते हैं। मंदिर समिति, स्थानीय व्यापारी, तीर्थ पुरोहित समाज और प्रशासन एवं पुलिस श्रद्धालुओं की सुविधांए सुनिश्चित करने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर ध्यान न दें। अब घोड़े- खच्चरों का संचालन भी दोबारा शुरू हो गया है। खास बात यह है कि टोकन सिस्टम लागू होने से श्रद्धालुओं के दर्शन भी आराम से हो रहे हैं।