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यूएन पहुंचा बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मामला, कई स्थानों पर हुआ विरोध प्रदर्शन

न्यूयॉर्क। बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग करते हुए शनिवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व वॉशिंगटन स्थित एक एनजीओ हिंदू एक्शन ने किया। एनजीओ हिंदू एक्शन ने न्यूयॉर्क में भी कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया। रिपब्लिकन सांसद पैट फॉलन ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा, ‘मैं बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक हिंसा और धार्मिक उत्पीड़न की कड़ी निंदा करता हूं। मैं अंतरिम सरकार से बांग्लादेशी लोगों के साझा हित में कार्य करने और इस हिंसा को तुरंत समाप्त करने का आग्रह करता हूं।’ बांग्लादेश में हुई हिंसा के बाद भारत-बांग्लादेश सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। कूचबिहार के सीतलकूची बॉर्डर पर शुक्रवार को बड़ी संख्या में बांग्लादेशी लोग सीमा पार करने के लिए सीमा पर इकट्ठा हो गए थे।

हालांकि बीएसएफ ने उन्हें रोक दिया। आज भी वहां चौकसी बढ़ी हुई है और बीएसएफ के जवान लगातार इलाके में पेट्रोलिंग कर रहे हैं। राज्य सरकार ने कहा कि पुनर्वास के लिए ही दो हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता है। इसमें कहा गया है कि कृषि क्षेत्र, पशुधन, घरों, इमारतों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, सड़कों और बिजली के साथ-साथ निजी संपत्तियों को भी भारी नुकसान हुआ है। इस बीच, राज्य सरकार ने कहा कि जो लोग राहत शिविरों में हैं, उन्हें इस उद्देश्य के लिए पहचाने गए सरकारी क्वार्टरों समेत कई घरों में पुनर्वासित किया जाएगा। केंद्रीय गृह विभाग के संयुक्त सचिव के नेतृत्व में एक सेंट्रल टीम भूस्खलन प्रभावित वायनाड के दौरे पर पहुंची है। केंद्रीय टीम ने चूरलमाला और मुंडकई के इलाकों का दौरा किया और वहां कई घंटे बिताए।

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